Join WhatsApp Group (250)Join Now
Join Telegram Group (55K+)Join Now
Youtube Channel (32K+)Subscribe Now

राजस्थान का अपवाह तन्त्र : नदियां, झील, तालाब, बांध व सिंचाई परियोजना

Join WhatsApp Group (250)Join Now
Join Telegram Group (55K+)Join Now
Youtube Channel (32K+)Subscribe Now

राजस्थान का अपवाह तन्त्र : नदियां, झील, तालाब, बांध व सिंचाई परियोजना

 

राजस्थान का अपवाह तन्त्र ( Rajasthan Rivers, Lake ) : नदियां, झील, तालाब, बांध व सिंचाई परियोजना : अपवाह तन्त्र से तात्पर्य नदियाँ एवं उनकी सहायक नदियों से है जो एक तन्त्र अथवा प्रारूप का निर्माण करती हैं। राजस्थान में वर्ष भर बहने वाली नदी केवल चम्बल है। राजस्थान के अपवाह तन्त्र को अरावली पर्वत श्रेणियाँ निर्धारित करती है। अरावली पर्वत श्रेणियाँ राजस्थान में एक जल विभाजक है और राज्य मे बहने वाली नदियों को दो भागों में विभक्त करती है। इसके अतिरिक्त राज्य में अन्तः प्रवाहित नदियाँ भी हैं।

इसी आधार पर राजस्थान की नदियों को निम्नलिखित तीन समूहों में विभक्त किया जाता हैः
1. बंगाल की खाडी में गिरने वाली नदियाँ
2. अरब सागर में गिरने वाली नदियाँ
3. अन्तः प्रवाहित नदियाँ

1. बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियाँ : इसके अन्तर्गत चम्बल, बनास, बाणगंगा, कालीसिंध पार्वती, बेडच, कोठारी, खारी, मैनाल, बाण्डी, धुन्ध, मोरेल, परवन, उजाड़, निवाज, वापनी (बाह्यणी), मेज नदी और आहू नदियाँ सम्मलित हैं।

2. अरब सागर में गिरने वाली नदियाँ : राजस्थान में प्रवाहित होती हुई अरब सागर में गिरने वाली नदियाँ है- लूनी, माही, साबरमती, जवाई, लीलड़ी, मीठड़ी, सूखड़ी- प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय, बाड़ी- प्रथम एवं द्वितीय, सागी, सोम, जाखम, अनास, चाप और मोरेन है।

3. अंतः प्रवाहित नदियाँ : राजस्थान में अनेक छोटी नदियाँ इस प्रकार की हैं, जो कुछ दूरी तक बहकर रेत अथवा भूमि में विलीन हो जाती हैं,इन्हीं को अंतः प्रवाहित नदियाँ कहते हैं। इस प्रकार की प्रमुख नदियाँ कातली, साबी, काकानी अथवा काकनेय नदी और घग्घर नदी है ।
सम्पूर्ण जानकारी के लिए नीचे पीडीएफ फाइल डाउनलोड कर सकते हैं ।

Download PDF : Click Here

Download All PDF Handwritten Notes : Click Here